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Showing posts from November, 2021

*एक अनोखा त्योहार रवि षष्ठी*

 *एक अनोखा त्योहार रवि षष्ठी* अस्ताचल सूर्य और उदयाचल सूर्य दोनों ध्यान और पूजन वाला रवि षष्ठी एक अनोखा त्योहार है,इसे  छठ व्रत के नाम से भी जाना जाता है । यह बिहार का प्रमुख त्योहार है ऐसे यह बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश , झारखंड , बंगाल मैं भी प्रमुखता के साथ मनाया जाता है ।  इसमें भगवान भास्कर की पूजा की जाती है । यह पर्व कार्तिक एवं चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, इसी कारण इसे सूर्य षष्ठी व्रत या छठ कहा गया है। इस त्योहार में श्रद्धालु इसके तीसरे दिन अर्थात षष्ठी तिथि को डूबते हुए सूर्य को और चौथे व अंतिम दिन अर्थात  सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं। सूर्य की उपासना से व्यक्ति में आत्मशक्ति एवं निरोगता की प्राप्ति होती है । अतः यह व्रत आत्म बल बढ़ाने आरोग्यता संतान प्राप्ति तथा उसकी लंबी आयु के लिए किया जाता है। वैदिक काल से सूर्य की पूजा होती आ रही है । भगवान भास्कर की पूजा किसी जलाशय पर करने की प्रथा है सूर्योपासना से होने वाले लाभ को देखते हुए इस पूजा की प्रथा आजकल विकसित हो रही है। और आज यह बिहार ,उत्तर प्रदेश ,झारखंड का म...

दीपावली

है पर्व पावन पुरुषार्थ का ये,  जीत की नव‌ उल्लास का । है दीप देहरी पर सजे, है जीत तम पर प्रकाश का ।  है अनुपम त्यौहार ये, कार्तिक कृष्णपक्ष के अवसान का । यम के पूजन विधान का ये, धनवंतरी के अबतरण का । देव पूजन हेतु दीपदान, है पर्व ये दिव्यार्थ का । घोर-कालिमा की अंधियारी रात पर्व अमावस में जगमग प्रकाश का । धनतेरस रूपचौदस लक्ष्मी गोवर्धन पूजन, भैयादूज है संगम पावन पंच पर्व का  । उजियारे की स्वर्ण-लालिमा बाला, पर्व अनोखा है यह उत्कर्ष का ।  आजाद रहें सब हर गम से, है यह पर्व अकेला बस हर्ष का । आचार्य गोपाल जी           उर्फ  आजाद अकेला (बरबीघा वाला)

पंचपर्व महोत्सव "दीपावली"

  *पंचपर्व महोत्सव "दीपावली"*                   अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में मनाया जाने वाला यह पर्व दीपावली या दीपोत्सव कहलाता है । एक प्रकाश उत्सव उत्सव है जो बच्चों का हृदय विशेषकर विशेषकर आकर्षित करता है घरों में हाथों पर चौराहों पर दुकानों पर सब जगह दीप की पंक्तियां शोभायमान रहती पंक्तियां शोभायमान रहती है । यह एक शरदीय उत्सव है । वर्षा ऋतु में सभी जगह वर्षा के प्रभाव से अस्वच्छता कीड़े मकोड़ों की वृद्धि हो जाती है । जब शरद ऋतु आता है तो लोग घर और आंगन को साफ करते हैं । वह घरों को, किवाड़ और खिड़कियों को रंगते हैं जहां-तहां बिखरे कूड़ा करकट उनको बिखरे कूड़ा करकट उनको हटाते हैं । लोगों की ऐसी मान्यता है मान्यता है की श्री रामचंद्र जी रावण वध के बाद जब पहली बार अयोध्या आए तो प्रथम दीपोत्सव का आयोजन किया गया । उसी समय से आज तक बुराई पर अच्छाई की जीत अंधकार पर प्रकाश की जीत मानकर हम लोग इस पर पर को मनाते आ रहे हैं । इस रात्रि को लोग सुख रात्रि भी कहते हैं मिथिला और बंगाल प्रदेश में कुछ लोग इस दिन काली पूजा भी करते हैं । ...