*एक अनोखा त्योहार रवि षष्ठी*
*एक अनोखा त्योहार रवि षष्ठी* अस्ताचल सूर्य और उदयाचल सूर्य दोनों ध्यान और पूजन वाला रवि षष्ठी एक अनोखा त्योहार है,इसे छठ व्रत के नाम से भी जाना जाता है । यह बिहार का प्रमुख त्योहार है ऐसे यह बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश , झारखंड , बंगाल मैं भी प्रमुखता के साथ मनाया जाता है । इसमें भगवान भास्कर की पूजा की जाती है । यह पर्व कार्तिक एवं चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, इसी कारण इसे सूर्य षष्ठी व्रत या छठ कहा गया है। इस त्योहार में श्रद्धालु इसके तीसरे दिन अर्थात षष्ठी तिथि को डूबते हुए सूर्य को और चौथे व अंतिम दिन अर्थात सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं। सूर्य की उपासना से व्यक्ति में आत्मशक्ति एवं निरोगता की प्राप्ति होती है । अतः यह व्रत आत्म बल बढ़ाने आरोग्यता संतान प्राप्ति तथा उसकी लंबी आयु के लिए किया जाता है। वैदिक काल से सूर्य की पूजा होती आ रही है । भगवान भास्कर की पूजा किसी जलाशय पर करने की प्रथा है सूर्योपासना से होने वाले लाभ को देखते हुए इस पूजा की प्रथा आजकल विकसित हो रही है। और आज यह बिहार ,उत्तर प्रदेश ,झारखंड का म...